Sunday, June 6, 2010

घरेलू ब्यूटी पार्लर, दूसरों का चेहरा और अपना भविष्य संवारिए


1994 में जब सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स और ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड चुनी गयीं तो सही अर्थों में यह सौंदर्य के प्रति जागरूकता की शुरुआत थी। रफ्ता-रफ्ता यह शुरुआत एक बड़े उद्योग में तब्दील होती गयी और आज तमाम छोटे और बड़े शहरों की लड़कियां इस उद्योग के जरिये न केवल अपना करियर बना रही हैं, बल्कि अपने सपनों को भी साकार कर रही हैं। कैसे ब्यूटी बिजनेस ने लड़कियों के लिए रोजगार के अवसर खोले हैं, इस पर सुधांशु गुप्त की रिपोर्ट।
बात 1994 की है। भारत में आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण की बयार धीमी गति से चलने लगी थी। इसी साल सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय नाम की दो भारतीय सुंदरियां अंतरराष्ट्रीय फलक पर छा गयीं। सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स और ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड चुनी गयीं। इन दोनों को बग्घी में बैठा कर इंडिया गेट पर बाकायदा एक जुलूस निकाला गया। लोगों ने देखा कि सुंदर होना किस तरह आपको रातोंरात प्रसिद्ध और धनी बना सकता है। लोगों ने यह भी देखा कि खुद को लगातार सुंदर बनाए रखना आपको करियर की भी दिशा दे सकता है। यही वह समय था, जब छोटी उम्र की लड़कियों ने सुष्मिता और ऐश्वर्या को अपना रोल मॉडल मान कर उन्हीं की तरह हो जाने का सपना देखा। छोटी उम्र की लड़कियों की आंखों में पलने वाले इस सपने ने एक ओर जहां सौंदर्य के प्रति जागरूकता पैदा की, वहीं ब्यूटी को बिजनेस के रूप में बदलने के द्वार भी खोले।
ऐसा नहीं था कि पहले लड़कियां अपने आपको सजाने- संवारने के प्रति जागरूक नहीं थीं, लेकिन यह जागरूकता नितांत निजी किस्म की थी। पहले लड़कियां खुद को सुंदर बनाने के लिए अमूमन घरेलू उत्पादों का ही इस्तेमाल करती थीं और सुंदर दिखने का उनके लिए केवल यही अर्थ था कि वे अपने दोस्तों और घरवालों के लिए सुंदर दिख रही हैं। उस समय कोई नहीं जानता था कि सौंदर्य का यह कारोबार आने वाले समय में एक बड़े कारोबार में तब्दील होने जा रहा है। रफ्ता-रफ्ता लड़कियों की सौंदर्य के प्रति दीवानगी बढ़ी और बढ़ा सौंदर्य का बाजार। महानगरों, शहरों, छोटे शहरों और कस्बों तक में लड़कियां सुंदर दीखने की चाह पालने लगीं। इसका परिणाम यह हुआ कि हर गली-मोहल्ले में ब्यूटी पार्लर खुलने लगे। देखते-देखते यह कारोबार बड़े कारोबार की शक्ल अख्तियार करता गया। अकारण नहीं है कि आज ब्यूटी इंडस्ट्री लगभग 32 हजार करोड़ रुपये की हो चुकी है और इसमें प्रति वर्ष 20-25 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो रही है। 2009 में भी विश्वव्यापी मंदी के बावजूद इस कारोबार में 15 फीसदी की वृद्धि हुई। ब्यूटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इसमें 30-35 फीसदी प्रति वर्ष की वृद्धि अपेक्षित है।
रोजगार के बढ़े अवसर
जाहिर है इस लगातार वृद्धि ने महिलाओं के लिए रोजगार के भी तमाम अवसर पैदा किये। लड़कियों ने कुछ समय एक ब्यूटी पार्लर में काम सीखा और कुछ समय बाद अपना ब्यूटी पार्लर खोल लिया। ब्यूटी पार्लरों ने ना जाने कितने घरों को आर्थिक मजबूती दी और शहनाज हुसैन व भारती तनेजा जैसी अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी एक्सपर्ट्स दीं, जिनका कारोबार आज लाखों करोड़ों में है। भारती तनेजा बताती हैं, यदि लड़कियां इसे एक कारोबार के रूप में चुनना चाहती हैं तो यह जरूरी है कि उनकी इस विषय में रुचि हो और उनमें सीखने की भावना हो। वह आगे कहती हैं कि यदि कोई लड़की महज दसवीं पास है, उसकी हिंदी और अंग्रेजी ठीक है और सजाने-संवारने में उसकी रुचि है तो वे ब्यूटी वर्ल्ड में अपनी पहचान बना सकती है।
कहां-कहां हैं स्कोप
ब्यूटी पार्लर खोलना या ब्यूटी पार्लर में काम करना इस काम की मूलभूत जानकारियां प्राप्त करना है। इसके लिए आप किसी भी अच्छे संस्थान से या किसी अच्छे ब्यूटी पार्लर से काम सीख सकती हैं और फिर अपना ब्यूटी पार्लर खोल सकती हैं। आप चाहें तो किसी ब्यूटी पार्लर में काम भी कर सकती हैं। आज औसत ब्यूटीशियंस भी दस से पंद्रह हजार रुपये महीना आराम से कमा रही हैं। निम्न मध्यवर्गीय कॉलोनियों में, स्लम एरिया तक में खुलने वाले ब्यूटी पार्लर इस बात के गवाह हैं कि किस तरह ब्यूटी बिजनेस लड़कियों को रोजगार मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रहा है।
मेकअप आर्टिस्ट के रूप में
अगर आप पढ़ी-लिखी हैं और आपने बाकायदा किसी अच्छे संस्थान से ब्यूटीशियन का कोर्स किया है तो आप एक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में भी काम कर सकती हैं। टीवी, फिल्म, मीडिया हाउसेज में मेकअप आर्टिस्ट्स की हमेशा जरूरत बनी रहती है। लेकिन इसके लिए बेसिक मेकअप, एडवांस मेकअप और मीडिया मेकअप सीखना जरूरी है। मेकअप आर्टिस्ट के रूप में आप फ्रीलांसर के रूप में काम कर सकती हैं या फिर किसी प्रोडक्शन हाउस में स्थायी रूप से भी काम कर सकती हैं।
हेयर स्टाइलिस्ट
ब्यूटी वर्ल्ड ने रोजगार की इतनी शाखायें खोल दी हैं कि आप किसी में भी अपना करियर बना सकती हैं। हेयर स्टाइलिस्ट एक ऐसा ही चमकता हुआ रोजगार हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अलग-अलग तरह के हेयर स्टाइल सीखें और इनोवेटिव व क्रिएटिव हों। बाल बनाते समय प्रयोग करना आपकी फितरत हो और आपको इस बात की समझ भी हो कि किस तरह के चेहरे पर कौन सा स्टाइल सूट करता है। आज बाजार में हेयर स्टाइलिस्ट की जबरदस्त मांग है।
मेहंदी व बॉडी आटिस्ट
सामान्य रूप से किसी भी ब्यूटी पार्लर में मेहंदी लगाई जाती है। लेकिन यदि मेहंदी लगाने में आप विशेषज्ञता हासिल कर लें तो यह ऐसी कला है, जिसमें आप भरपूर पैसा कमा सकती हैं। इसके लिए आपको ग्रीन मेहंदी, ग्लिटर मेहंदी, अरेबिक मेहंदी के अलावा फैंटेंसी मेकअप और बॉडी आर्ट के कोर्स करने पड़ेंगे या फिर आप अपने अनुभव से ही इन चीजों को सीख कर अपने करियर को चमका सकती हैं। इनके अलावा नेल आर्टिस्ट और ब्यूटी मैनेजर जैसे करियर भी आपके लिए बाजार में उपलब्ध हैं। बस जरूरत इस बात की है कि एक बार आप यह तय कर लें कि ब्यूटी बिजनेस में आपको कदम रखना है, उसके बाद सफलता आपके कदम चूमती दिखाई पड़ेगी।
यहां से करें कोर्स
शहनाज हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी एकेडमी।एल्प्स एकेडमी ऑफ हेयर एंड ब्यूटी।हबीब्स हेयर एकेडमी।पड़ोस के किसी भी पार्लर से।
अगर आप अच्छे ब्यूटी पार्लर में काम करती हैं तो 8 से पंद्रह हजार रुपये प्रति माह तक कमा सकती हैं। और अपना ब्यूटी पार्लर खोलती हैं तो आय और भी ज्यादा हो सकती है। मेकअप आर्टिस्ट या हेयर स्टाइलिस्ट के रूप में इनकम क्लाइंट्स पर निर्भर करती है।
..और बेटियों को पढ़ा दिया
पूर्वी दिल्ली में रहने वाली 24 वर्षीया नगमा के जेहन में 1994 में यह विचार आया कि क्यों ना वह किसी ब्यूटी पार्लर में काम करें। महज सातवीं तक तालीम हासिल करने वाली नगमा उस समय विवाहित थीं और चार बेटियों की मां भी थीं। जीवन की हकीकतों से रूबरू होने वाली नगमा यह बखूबी जानती थीं कि यदि वह अपनी बेटियों को अच्छी तालीम हासिल कराना चाहती हैं तो उसके यह जरूरी है कि वह खुद भी काम करें। उन्होंने पहले काम सीखा, कुछ साल किसी दूसरे के ब्यूटी पार्लर में काम किया। लेकिन उनके साहस और हौसले ने उन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आज पूर्वी दिल्ली की एक निम्न मध्यवर्गीय कॉलोनी विश्वकर्मा नगर के 88 प्रताप खंड में उनका अपना छोटा-सा ब्यूटी पार्लर है-पारस, जिसमें वह पंद्रह हजार रुपये प्रति माह तक कमाती हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत:
आपके जेहन में यह बात कैसे आई कि ब्यूटी पार्लर का काम करना है?
मैंने खुद अच्छी तालीम हासिल नहीं की है। चार बेटियां होने के बाद मुझे लगा कि यदि मैंने कोई काम नहीं किया तो शायद मेरी बेटियां भी तालीम से महरूम रह जाएंगी, इसलिए मैंने ब्यूटी पार्लर का काम सीखने की सोची और एक ब्यूटी पार्लर में काम सीखने लगी। मैंने काम सीखने के लिए 300 रुपया महीना दिया। इसके बाद मैं उसी ब्यूटी पार्लर में साढ़े चार सौ रुपये प्रति माह पर काम करने लगी। कई साल काम करने के बाद मैंने अपने छोटे से घर में ही अपना पार्लर खोल लिया।
और आप कितने रुपये प्रतिमाह तक कमा लेती हैं?
मैं दस हजार से लेकर पंद्रह हजार रुपये तक कमा लेती हूं।
आज आपकी चारों बेटियां पढ़ रही हैं। आपको कैसा लगता है?
मैं अल्लाह की शुक्रगुजार हूं कि उसने ब्यूटी पार्लर के जरिये मुझे एक रास्ता दिखाया, जिस पर चल कर मैं अपने बच्चों को तालीम दिलवा पाई।
ब्यूटी पार्लर के काम के अलावा क्या आपने कुछ और भी सीखा?
मैंने मेहंदी लगाना सीखा। साथ ही मैंने एक साल पड़ोस में रहने वाली आंटी से बाकायदा अंग्रेजी सीखी।
क्या आप अपने काम को और विस्तार देना चाहती हैं?
हां, मैं चाहती हूं कि मैं अपना बड़ा सा ब्यूटी पार्लर बनाऊं।

सुधांशु गुप्त

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