Thursday, March 8, 2012

अंगना में उतरा आईपीएल

टीवी पर क्रिकेट मैच देखना महिलाओं को अमूमन बहुत ज्यादा पसंद नहीं आता, खासकर इसलिए भी, क्योंकि इन मैचों को देखने के लिए उन्हें अपने पसंदीदा धारावाहिकों की बलि देनी होती है। लेकिन इस बार आईपीएल-3 के दौरान महिला दर्शकों की बढ़ती संख्या यह साबित कर रही है कि अब महिलाओं को क्रिकेट रास आने लगा है। सुधांशु गुप्त की रिपोर्ट।



हिंदुस्तान में क्रिकेट अगर मजहब है तो अब तक यह एक मिथ ही था कि महिलाओं को टीवी पर मैच देखना रास नहीं आता। टीवी का अर्थ उनके लिए सास बहू संस्कृति के वे अंतहीन धारावाहिक रहे हैं, जो उन्हें एक कल्पनालोक में ले जाते हैं। इसलिए जब मार्च के दूसरे सप्ताह में आईपीएल-3 की शुरुआत हुई तो यह कयास लगाये गये कि आईपीएल मैचों के चलते महिलाएं अपने प्रिय धारावाहिकों को देखने से वंचित रहेंगी।



वैसे भी आईपीएल का पहला और दूसरा संस्करण इस बात के गवाह रहे हैं कि इस दौरान टीवी कार्यक्रमों की रेटिंग में जबरदस्त गिरावट आती है। तो आईपीएल शुरू होने से पहले ही दो स्तरों पर काम शुरू हो गया था। एक तो विभिन्न चैनलों ने ऐसी रणनीति बनाई, जिससे उनके दर्शक टीवी से दूर न भागें। इसके लिए उन्होंने अपने जमाने की सुपरहिट फिल्में दिखाने के साथ-साथ ऐसे प्रोग्राम भी तैयार किये, जो दर्शकों-खासकर महिला दर्शकों को आईपीएल से दूर रख सकें। उधर एक कंपनी ने इस बाबत एक सर्वे किया और उसमें कई दिलचस्प तथ्य सामने आये।



जीएफके नामक इस कंपनी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में यह सर्वे किया। इस सर्वे का मकसद यह देखना था कि क्या आईपीएल के दौरान घरेलू महिलाओं की टीवी देखने की आदत में कुछ बदलाव आता है? सर्वे में पाया गया कि 67 प्रतिशत महिलाएं इस बात से चिंतित थीं कि आईपीएल के दौरान उनके पति के मैच देखने के कारण उन्हें अपने पसंदीदा धारावाहिकों को छोड़ना पड़ेगा, जबकि 33 फीसदी महिलाएं अपने पतियों के साथ क्रिकेट का आनंद उठाना पसंद करती थीं।



पूरे भारत के संदर्भ में देखें तो केवल एक तिहाई महिलाएं ही क्रिकेट टीवी पर देखना पसंद करती हैं। हर तीन में से दो महिलाएं इस बात से चिंतित दिखाई दीं कि वे अपने पसंदीदा धारावाहिक नहीं देख पायेंगी। सचिन के शहर मुंबई की पांच में से चार महिलाओं ने आईपीएल के दौरान अपने सीरियल न देख पाने की चिंता प्रकट की, जबकि दिल्ली और चेन्नई की तीन में से दो महिलाओं और कोलकाता की हर दो में से एक महिला अपने सीरियल न देख पाने के लिए चिंतित थी। इस सर्वे में एक और दिलचस्प नतीजा यह सामने आया कि 52 प्रतिशत पति-पत्नी सप्ताह में कम से कम एक बार टीवी पर अपनी पसंद के प्रोग्राम देखने को लेकर अवश्य लड़ते हैं। 27 फीसदी पति-पत्नी एक माह में कम से कम एक बार इस मुद्दे पर तर्क-वितर्क करते हैं। केवल 21 फीसदी पति-पत्नी ऐसे पाये गये, जो एक माह में एक बार भी इस मुद्दे पर नहीं झगड़ते। यानी आईपीएल शुरू होने से पहले ही इस बात की आशंकाएं थीं कि कम से कम घरेलू महिलाओं के लिए शाम आठ बजे से 11 बजे तक टीवी देखना संभव नहीं होगा, क्योंकि इस दौरान आईपीएल के मैच चल रहे होंगे।



12 मार्च से शुरू हुए आईपीएल मैचों ने घरेलू महिलाओं की दिनचर्या ही बदल दी है। पूर्वी दिल्ली में रहने वाली 35 वर्षीया दीपिका का कहना है, पहले मैं आठ बजे तक घर का सारा काम निपटा कर टीवी के सामने बैठ जाती थी, लेकिन अब मैं घर का काम ही दस बजे तक निबटाती हूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि मैं टीवी नहीं देख सकती। यही नहीं, दीपिका आगे कहती हैं, पहले मैं ग्यारह बजे तक टीवी देख कर सोती थी और अब दस बजे तक ही सो जाती हूं।



इस पूरी तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है। आईपीएल के आयोजकों ने क्रिकेट मैचों में मनोरंजन का तत्व भी भरपूर मिला दिया है। चीयर लीडर्स, मैचों में प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोन और शाहरुख खान की उपस्थिति और मैचों के दौरान उनकी प्रतिक्रियाएं भी महिला दर्शकों को लुभाने का काम कर रही हैं और आईपीएल का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद इस तरह की खबरें भी सामने आईं कि अब महिलाएं-खासकर कामकाजी महिलाएं भी टीवी पर क्रिकेट देखना पसंद करने लगी हैं। दिलचस्प तथ्य यह भी उभर कर आया है कि अब पत्नियां अपने पतियों पर इस बात का दबाव डालती हैं कि वे क्रिकेट मैच देखें। एमैप रेटिंग्स बताती हैं कि विभिन्न उम्र की महिलाओं का बड़ा दर्शक वर्ग आईपीएल देख रहा है। इसके अनुसार, जिन घरों में केबल और सेटेलाइट चैनल्स हैं, वहां घरेलू महिलाओं की रेटिंग 5.0 पायी गयी। 35-44, 45-54 और 55 साल से अधिक की महिलाओं की रेटिंग क्रमश: 4.9, 5.1 और 5.0 पायी गयी। इसमें भी वर्किंग एग्जीक्यूटिव महिलाओं की रेटिंग सबसे ज्यादा 5.3 थी, जबकि स्कूल और कॉलेज छात्रों की रेटिंग क्रमश: 3.2 और 4.4 थी।



एक और दिलचस्प बात यह सामने आई कि महिलाओं ने अपनी रुचियों के हिसाब से अपनी पसंद की टीमों को चुन लिया है। मिसाल के तौर पर यदि किसी को सचिन तेंदुलकर का खेल पसंद है तो वह सचिन की टीमों के साथ होने वाले मैचों को ही देखती है। इसी तरह दिल्ली की महिलाएं वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की वजह से दिल्ली के मैच देखना पसंद करती हैं।



दिल्ली में रहने वाली युवा लड़कियों को युवराज सिंह पसंद हैं। 22 वर्षीया अपूर्वा कहती हैं, मुझे युवराज का खेल बहुत पसंद है, इसलिए मैं पंजाब इलेवन का कोई मैच नहीं छोड़ती। युवा लड़कियों का कहना है कि आईपीएल देखने से एक तनावरहित आनंद मिलता है। वास्तव में आईपीएल-3 के चलते युवा लड़कियों में भी क्रिकेट के प्रति दीवानगी बढ़ी है। टेलीविजन ऑडियंस मैजरमेंट (टीएएम) की रिपोर्ट्स के अनुसार, आईपीएल दर्शकों में इस बार 38 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आईपीएल की 66.99 मिलियन महिला फैन हैं, जबकि पिछले साल 34 फीसदी महिला दर्शक आईपीएल देख रही थीं। यानी इस आईपीएल ने उस मिथ को तोड़ने का काम किया है, जिसके अनुसार महिलाएं क्रिकेट को नापसंद करती थीं।

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