Thursday, March 8, 2012

ये मेरी अधूरी कहानी...

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अनुपमा को न जाने क्यों प्यार के नाम से डर लगने लगा था, इसलिए वह लड़कों से दूर रहने लगी थी। लेकिन एक दिन उनकी क्लास में गेस्ट लेक्चरर के रूप में अमन नाम का एक व्यक्ति पढ़ाने आया। अमन बेहद स्मार्ट और इंटेलिजेंट था। अनुपमा जैसे उसे देखती उसका दिल तेजी से धड़कने लगता। अब लड़कों से नफरत करने वाली अनुपना को अमन से प्यार हो गया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, उसकी यह प्रेम कहानी परवान नहीं चढ़ पाई। क्या हुआ अनुपमा के साथ? पढ़िए, बे्रकअप की तीसरी किश्त में ...
सुधांशु गुप्त
व्यक्ति को जीवन में कभी-ना-कभी प्यार जरूर होता है। अनुपमा की उम्र उस समय 23 साल थी। उसने डीयू के ही एक कॉलेज से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन पूरी की थी, लेकिन उम्र के इस पड़ाव तक भी उसके जीवन में कोई ऐसा शख्स नहीं आया था, जिससे उसके भीतर प्यार का अहसास जन्म लेने लगे। फिर भी वह उस दिन का बेताबी से इंतजार करती थी, जब उसे उसका चाहने वाला मिलेगा। उसके साथ पढ़ने वाली लड़कियां अक्सर उसे अपनी प्रेम कहानियां सुनाया करती थीं। अनुपमा के मन में पता नहीं क्यों एक डर-सा बैठ गया था। इसकी एक बड़ी वजह शायद ये थी कि दोस्तों द्वारा सुनाई गई प्रेम कहानियों में अक्सर वह पाती थी कि अधिकांश लड़के-लड़कियों से सेक्स संबंधों के लिए ही प्रेम करते हैं। पता नहीं क्यों, अनुपमा को सेक्स के नाम से ही चिढ़-सी होती गई और वह लड़कों से दूर रहने लगी। अगर कोई लड़का उसके करीब भी आता, तो उसे यही लगता कि वह प्रेम का प्रदर्शन सिर्फ उसके साथ सेक्स संबंध बनाने के लिए ही कर रहा है। इसी तरह वक्त गुजरता जा रहा था।
ग्रेजुएशन के बाद अनुपमा के सामने यह समस्या थी कि अब क्या किया जाए। नौकरी मिलना इतना आसान नहीं था। कुछ भी न करने का अर्थ था घरवालों की शादी करने की मांग को मान लेना। लिहाजा, अनुपमा ने आईपी यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया। आईपी यूनिवर्सिटी तीन माह का सीवीपी (सर्टिफिकेट वीडियो प्रोडक्शन) का कोर्स करा रही थी। अनुपमा चाहती थी कि पत्रकारिता के साथ-साथ वह वीडियो प्रोडक्शन का भी काम सीख जाए। यह वर्ष 2008 की बात है। इस कोर्स में पढ़ने वाले अधिकांश लड़के ही थे। लड़कियों की संख्या मुश्किल से तीन थी। उनमें से भी एक लड़की शादीशुदा थी। उस समय आईपी यूनिवर्सिटी कश्मीरी गेट पर हुआ करती थी। क्लास का समय शाम पांच बजे से आठ बजे तक होता था। इस तरह क्लासेस शुरू हो गई। वीडियो प्रोडक्शन का काम अनुपमा को बहुत अच्छा लगा। एक दिन उनकी क्लास में गेस्ट लेक्चरर के रूप में अमन नाम का एक व्यक्ति पढ़ाने आया। अमन बेहद स्मार्ट और इंटेलिजेंट था। अनुपमा जैसे उसे देखती, उसका दिल तेजी से धड़कने लगता, लेकिन अमन से बात करने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। अमन की उम्र भी लगभग 27-28 साल रही होगी, लेकिन उसकी कुछ ही क्लासेस अटेंड करने के बाद अनुपमा को अहसास हो गया कि कहीं कुछ गड़बड़ हो गई। वह दिन-रात अमन के ही बारे में सोचती रहती। क्लास में ही उसने यह भी नोट किया कि अमन भी चोरी-चोरी उसे देखता है।
प्यार की इस नई इबारत को लिखने के लिए अनुपमा सही समय का इंतजार करने लगी। एक रोज क्लास के सभी स्टूडेंट जा चुके थे। उसने देखा कि अमन अब भी वहां मौजूद है। बड़ी हिम्मत करके अनुपमा उसके पास गई और एक किताब दिखाकर अंग्रेजी के वाक्य का अर्थ पूछने लगी। पहली बार दोनों की नजरें मिलीं। यहीं अनुपमा को यह अहसास भी हुआ कि अमन के दिल में शायद प्यार की घंटियां बज रही हैं। अमन ने अर्थ बताने से पहले कहा, लेकिन तुम्हें मेरी एक बात माननी होगी?
अनुपमा ने डरते हुए कहा- जी सर, बताइए?
अमन ने बेखौफ कहा- मंै तुम्हें बहुत पसंद करता हूं और किस करना चाहता हूं। अनुपमा का चेहरा लाल हो गया और उसकी जुबान को तो मानो ताला लग गया। उसे समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे।
अमन ने फिर बात संभालते हुए कहा, ‘डरो नहीं, मैं मजाक कर रहा था।’ पर तुम्हें मेरी एक दूसरी शर्त माननी होगी। तुम मुझे अमन कहकर पुकारोगी और मैं तुम्हें अनुपमा की जगह अन्नू कहा करूंगा।’ अनुपमा ने उसकी शर्त मान ली। प्यार की यह पहली क्लास खत्म हो गई, लेकिन पूरी रात अनुपमा अमन के ही ख्वाब देखती रही। उसने अपने दिल से पूछा कि क्या वह उसे पसंद करती है? जवाब मिला, बेहद पसंद करती है, बल्कि प्यार करती है।
इसके बाद अमन और अनुपमा की रोज मुलाकातें होने लगीं। देर तक दोनों आईपी यूनिवर्सिटी में रहने लगे। अमन की ही गाड़ी में वह वापस लौटती। जब दोनों के रिश्ते में थोड़ी गहराई आ गई, तो एक दिन अनुपमा ने पूछा, क्या आप मुझसे प्यार करते हो? अमन का जवाब था- प्यार क्या होता है, मैं नहीं जानता, लेकिन तुम मुझे अच्छी लगती हो। मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं। तुम्हें छूना और किस करने की मेरी इच्छा है। ऐसे ही किसी एक दिन आईपी यूनिवर्सिटी के प्रांगण में, जब शाम ढल चुकी थी और रात रफ्ता-रफ्ता कदम बढ़ा रही थी, अमन ने पहली बार अनुपमा के होंठों पर किस किया। यह प्यार का पहला चुंबन था।
अनुपमा ने उस पूरी रात इस चुंबन को महसूस किया। बस, एक ही बात अनुपमा को परेशान कर रही थी, वह यह कि अमन कभी अपने मुंह से यह स्वीकार नहीं करता था कि वह उसे प्यार करता है, लेकिन अमन ने इस बात को भी बहुत गंभीरता   से नहीं लिया, क्योंकि वह अमन से प्यार करने लगी थी। दोनों के बीच की दूरियां लगातार कम हो रही थीं। अब दोनों के बीच किस का आदान-प्रदान अक्सर हो जाया करता था। अब दोनों देह की जुबान भी समझने लगे थे।
एक दिन जब अमन और अनुपमा लॉन्ग ड्राइव पर थे, तो अमन ने साफ शब्दों में कहा, यार हम लोगों को सेक्स कर लेना चाहिए? अनुपमा को कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि उसे भी लगता था कि अब दोनों के देह की काफी दूरियां तय हो चुकी हैं। फिर भी उसने अमन से पूछा, क्या अब तुम मुझसे प्यार करते हो?
अमन ने फिर वही जवाब दिया- मैं कुछ समझ नहीं पाता। मैं तुम्हें इस सवाल का क्या जवाब दूं। लेकिन अनुपमा को जवाब मिल गया था। फिर भी वह इस खूबसूरत से रिश्ते को इस तरह खत्म नहीं करना चाहती थी। यह तो वह जान चुकी थी कि अमन भी और लड़कों की तरह महज सेक्स संबंध बनाने के लिए ही उसकी तरफ बढ़ा था। सेक्स संबंध बनाने में अनुपमा को भी कोई परहेज नहीं था, लेकिन वह ऐसे व्यक्ति से संबंध नहीं बनाना चाहती थी, जो उससे प्यार नहीं करता या यह बात जानता ही नहीं कि वह प्यार करता है या नहीं। लिहाजा, अनुपमा उस खूबसूरत मोड़ का इंतजार करने लगी, जहां इस रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। सितंबर में अमन का बर्थ-डे था। अनुपमा ने उसके बर्थ-डे की खूब तैयारी की। उसके लिए खूब सारे उपहार खरीदे- कोट, बुके, पेन और भी न जाने क्या-क्या। दोनों गाड़ी में लॉन्ग ड्राइव पर गए। यहां भी अनुपमा ने अमन को इस बात की इजाजत दे दी कि वह उसे किस कर सके। दोनों ने पूरे दिन खूब मस्ती की। रात को जब दोनों विदा होने लगे, तो अनुपमा ने कहा- अमन, अब मैं तुम्हारे साथ और आगे नहीं जा सकती। यहीं हमारे रिश्ते का अंत है।
अमन को अचानक कुछ समझ नहीं आया। अनुपमा ने कहा- ‘हमें साथ रहते हुए बहुत दिन नहीं हुए, लेकिन फिर भी अब तक तुम्हें समझ जाना चाहिए था कि तुम मुझसे प्यार करते हो या नहीं, क्योंकि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, लेकिन अब मैं तुम्हारे साथ और समय बर्बाद नहीं कर सकती।
अनुपमा घर आकर बहुत रोई। उसे अमन के चले जाने का बहुत अफसोस हुआ। उसने यह भी सोचा कि एक अर्थ में अमन ईमानदार था, जो उसने झूठ नहीं बोला और साफ-साफ कह दिया कि वह नहीं जानता कि वह उसे प्यार करता है या नहीं। अन्यथा वह यदि कह देता कि वह मुझे प्यार करता है, तो मुझे भी सेक्स संबंध बनाने में कोई दिक्कत नहीं थी। अनुपमा को लगता है कि लगातार फिजिकल होने की चाह ने इस रिश्ते को ब्रेकअप तक पहुंचाया।

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