Saturday, May 21, 2011

विवेका और माडलिंग की दुनिया के अंधेरे

विवेका की आत्महत्या ने एक बार फिर फैशन और ग्लैमर की चकाचौंध की पीछे के अंधेरे को सुर्खियों में ला दिया है। आखिर क्यों करनी पड़ती हैं मॉडल्स को आत्महत्या। सुधांशु की रिपोर्ट।

पिछले दिनों सुपरमॉडल विवेका बाबाजी ने 37 वर्ष की उम्र में आत्महत्या करके एक बार फिर यह संकेत दिये कि ग्लैमर और फैशन की दुनिया में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ग्लैमर और फैशन की इसी दुनिया पर माुर भंडारकर ने ‘फैशन’ फिल्म बनाई थी, जिसने मॉडलिंग की दुनिया के अंधेरों को भी तेज रोशनी में दिखाया। फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह टॉप मॉडल कंगना रानाउत बुलंदियों पर पहुंचने के बावजूद आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती है, किस तरह प्रियंका चोपड़ा एक छोटे से शहर से निकलर सुपरमॉडल बनती है और फिर किस तरह वह सफलता की सीढ़ियों से फिसलकर नीचे आ जाती है। फिल्म में उन दबावों को भी बहुत बारीकी से दिखाया गया था, जिनके चलते मॉडल निराशा और कुंठाओं का शिकार हो जाती है। रिश्तों का बनना बिगड़ना (या सफलता पाने के लिए इस्तेमाल करना), एक रोज सफलता को पाना और दूसरे रोज फिर संघर्ष करना, लगातार खुद को सुंदर बनाए रखने का दबाव और गला काट प्रतियोगिता कई ऐसे कारण हैं, जो टॉप मॉडल्स को भी आत्महत्या के मुहाने पर ले जाते हैं।


विवेका अकेली ऐसी मॉड्ल नहीं हैं। इससे पहले 2004 में पूर्व मिस इंडिया नफीसा जोसेफ ने भी आत्महत्या का ही रास्ता चुना था और 2006 में मॉडल और टीवी आर्टिस्ट कुलजीत रांधावा को यही रास्ता चुनना पड़ा था। सन 2007 में भी मीडिया, फैशन और ग्लैमर की दुनिया सकते में आ गयी थी, जब गीतांजलि नागपाल नामक एक मॉडल को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगते पाया गया था। बाद में इसी प्रकरण को मधुर भंडारकर ने फैशन फिल्म में भी चित्रित किया।

आखिर वे कौन से दबाव हैं जो मॉड्ल्स को कमजोर कर देते हैं? मनोचिकित्सक संजय चुग का कहना है, डिप्रेशन जीवन में किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय अपने प्रभाव में ले सकता है। वह कहते हैं, संभवत: इस प्रोफेशन में जबरदस्त तनाव और इस पेशे की मांग किसी भी व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर कर सकती है, इतनी कमजोर कि वह सारे रास्ते बंद करके आत्महत्या का रास्ता चुन लेता है। एक और वजह यह भी है कि महिला मॉडल्स को लगातार अपनी बॉडी को फिट और आकर्षक बनाये रखना होता है, जिससे उनके ऊपर दबाव बढ़ता रहता है। इस दबाव को ना झेल पाना और ग्लैमर की दुनिया में खुद को अकेल महसूस करना भी इनकी आत्महत्या के कारण हो सकते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए आप कुछ बुरे अनुभवों से रूबरू होते हैं, जिससे आपको सदमा लगता है और टॉप पर होते भी अकेलापन महसूस करते हैं। यह अकेलापन भी आपको आत्महत्या की ओर ले जा सकता है। हालांकि ऐसा कोई तय रास्ता नहीं है, जिसे अपनाकर आप इस पेशे के दबावों से मुक्त हो सकें, लेकिन फिर भी यदि महिला मॉडल भीतरी संतोष, बहुत ज्यादा पाने की हवस और रेस में शामिल ना होना जैसी चीजें अपनाएं तो संभवत: वे इस अकेलेपन से बच सकती हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह मुगधा गोडसे फिल्म ‘फैशन’ में खुद को बचाये रख पायी थीं।

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