Saturday, May 21, 2011

बॉलीवुड की बिल्लो रानी-बिपाशा बसु

बॉलीवुड में बिपाशा बसु की एंट्री ‘सेक्सी गर्ल’के रूप में हुई थी। उस समय तक बॉलीवुड हीरोइनें खुद को सेक्सी कहलवाना ज्यादा पसंद नहीं करती थी। लेकिन गुजरे कुछ सालों में सेक्सी का टैग हासिल करना एक उपलधि-सी हो गया है। हर से ग्लैमरस दिखने वाली बिपाशा  की दुनिया भीतर कैसी है और कैसे हैं उसके सपने? सुधांशु की रिपोर्ट:

वह जिंदगी अपनी शर्तों पर जीती हैं...बॉलीवुड उन्हें सेक्सी गर्ल के रूप में जानता है...अक्सर वह यह कहती पायी जाती हैं कि यदि वे लड़का होतीं तो जिंदगी ज्यादा बेहतर होती...सेक्स अपील की उनकी अपनी ही परिभाषा है...उनका मानना है कि वे कभी वल्गर या चीप कपड़े नहीं पहनेंगी...उनके लिए लड़की साड़ी में सासे ज्यादा सेक्सी लगती है...वह अपनी जिस्मानी छवि से बाहर आना चाहती हैं। इन सारी क्वालिटीज से जो तस्वीरानती है-वह है बिपाशा बसु की।बिपाशा बसु जिन्हें बॉलीवुड  में सेक्सी शद के अर्थादलने का श्रेय जाता है।

बिपाशा का जन्म एकांगाली हिंदू परिवार में नयी दिल्ली में 7 जनवरी 1979 को हुआ। वह तीनाहनों में बीच की हैं। बिपाशा कई बार अपने इंटरव्यूज में कह चुकी हैं कि उनके माता-पिता उनकी जगहोटा चाहते थे। लिहाजा उनके मन के किसी कोने में इस बात की पीड़ा अवश्य रहती है कि उनके मां-बाप ने भी उनके जन्म को बहुत खुशी से नहीं लिया। शायद इसीलिए बिपाशा कई बार कह चुकी हैं कि वे यदि लड़का होती तो ऐसी भूमिकाएं भी कर सकती थीं, जो लड़की होने के कारण उन्हें छोड़नी पड़ती है।बचपन का एक और ऐसा प्रसंग है, जो उन्हें कई बार सालता रहता है। बचपन में रंग काला होने की वजह से बिपाशा की सहेलियां अक्सर उन्हें कुरूप कहा करती थीं। अपने इन्हीं दुखों से उबरने के लिए बिपाशा अपना ध्यान पढ़ाई-लिखाई में लगाती थीं। पता नहीं का उनके जेहन में डॉक्टर बनने का सपना आकार ले बैठा। इस बीच वह अपने परिवार के साथ दिल्ली से कोलकाता शिफ्ट कर चुकी थीं। जा वह 17 साल की हुईं तो नियति उन्हें मॉडलिंग की तरफ ले गयी। फोर्ड सुपर मॉडल ऑफ दि वल्र्ड का खिताब जीत कर उन्होंने यह साबित किया कि वहादसूरत नहीं हैं। पढ़ाई के प्रति उनके सरोकार फिर भी बने रहे। हां, इस खिताब ने उनके डॉक्टर बनने के सपने को जरूर तोड़ दिया। आ वह चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती थी। नियति ने एक बार फिर उनका रास्ता रोक लिया और उनकी दिशा बॉलीवुड की ओर मुड़ गयी। 2001 में ‘अजनबी’ से उन्होंने डेयू किया। इसके बाद एक के बाद एक कई फिल्में रिलीज हुईं, जिन्होंने बेशकाहुत अच्छा बिजनेस नहीं किया, लेकिन बिपाशा को सबने नोटिस किया। इसके बाद आई ‘जिस्म’ में उन्होंने सोनिया खन्ना का किरदार बिंदास अंदाज में निभाया। फिल्म अच्छी चली और साथ ही चल निकली बिपाशा बसु। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं। इनमें फुटपाथ, मदहोशी,बरसात, फिर हेराफेरी, कोरपोरेट, ओंकारा और रेस जैसी फिल्में शामिल हैं।

ओंकारा में जा उन्होंने आयटम गर्ल के रूप में ‘बीड़ी जलाइले पिया, जिगर में बड़ी आग है’ और ‘बिल्लो रानी...’ जैसे गीत गाये तो यह उनके जिस्म फिल्म की भूमिका का ही विस्तार था। हालांकि बिपाशा बार-बार कहती हैं कि वह जिस्म की छवि से बाहर निकलना चाहती हैं, लेकिन फिल्म निर्माता उन्हें कोई भी भूमिका दें, उन्हें बोल्ड रूप में ही दिखाना चाहते हैं। बिपाशा को सेक्स अपील और सेक्सी दिखने से कोई ऐतराज नहीं है। वह कहती हैं, जब मैंने बॉलीवुड में प्रवेश किया था तो सेक्सी दिखना और सेक्सी का टैग लगना अच्छी बात नहीं माना जाता था। लेकिन आज अधिकांश हीरोइनें परदे पर कपड़े उतारने के लिए बेचैन रहती हैं। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगी। मैं कभी वल्गर कपड़े नहीं पहनूंगी और चीप सीन्स नहीं करूंगी। बिपाशा का मानना है कि लड़की भीगी हुई साड़ी में सासे ज्यादा सेक्सी लगती है। द्रौपदी की भूमिका निभाने की इच्छा रखने वाली बिपाशा जीवन में बेहद पारदर्शी हैं। वह अलग तरह की भूमिकाएं करना चाहती हैं, यों उन्हें जो भूमिकाएं कर रही हैं, उनसे भी कोई गुरेज नहीं है।

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